November 21, 2024

धूम विलेज और अन्य रिसॉर्ट में खुलेआम परोसी जा रही शराब, निजात अभियान बना मज़ाक, क्या प्रशासन के संरक्षण में चल रहे खुलेआम होटल्स, आबकारी विभाग ने बंद कर रखी है आंखें ।

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रायपुर। जिले के माना थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम धरमपुरा में स्थित लगभग आधा दर्जन ओपेन होटल और रिसॉर्ट में खुलेआम शराब पिलाई जा रही है। इनके पास किसी भी प्रकार का लाइसेंस नहीं है। कई ग्रामीणों से शिकायत प्राप्त हो रही थी कि ग्रामीण क्षेत्र में संचालित आधा दर्जन से अधिक होटल, रिसॉर्ट में देर रात तक शराब पिलाई जा रही है, जिससे ग्रामीण क्षेत्र का माहौल खराब हो रहा है। मामले की शिकायत पर धूम विलेज नामक ओपन होटल में जाकर पड़ताल की गई तो वहां पर खुलेआम शराब की पार्टियां मनाई जा रही थी। जिसका वीडियो भी रिकॉर्ड किया गया। होटल संचालक से जानकारी मिली कि उन्हें शराब पिलाने का लाइसेंस नहीं है बावजूद पूरे होटल में लगी सभी टेबलों पर शराब सजी थी, पुरुष के साथ महिलाएं भी शराब का सेवन करती पाई गई। पश्चात माना थाना और माना क्षेत्र के सीएसपी दौलत राम पटेल को मामले की सूचना दी गई।

मामले में आबकारी विभाग के एडीओ से रात में लगातार संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन एडीओ डीडी पटेल ने कॉल रिसीव नहीं किया जिसकी वजह से आबकारी विभाग पर सवालिया निशान लग रहे हैं। यहां तक कि अगले दिन भी एडीओ ने कॉल करके जानने की जहमत नहीं उठाई कि पत्रकारों द्वारा लगातार कॉल क्यों किया जा रहा था।

रायपुर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संतोष सिंह द्वारा निजात अभियान को सार्थक करने का प्रयास किया जा रहा है। जिसके तहत नशे के विरुद्ध लगातार कार्यवाहियां की जा रही है, कॉप ऑफ द मंथ का अवार्ड दिया जा रहा है वहीं दूसरी तरफ पुलिस प्रशासन ऐसे होटलों और रिसॉर्ट पर कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है।

मामला चूंकि रायपुर ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र का है तो मामले में रायपुर ग्रामीण विधायक मोती लाल साहू के समक्ष भी रखा गया। मामले को लेकर विधायक ने चर्चा में कहा कि इस तरह का कृत्य निंदनीय है, इस प्रकार के जितने भी होटल और रिसॉर्ट में ऐसी असामाजिक गतिविधियां हो रही हैं उन पर सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है। वहीं विधायक ने मामले को लेकर रायपुर एसपी से भी चर्चा करते हुए कार्यवाही की हिदायत दी है।

मामले में एक और जानकारी मिली है कि धूम विलेज ने ग्राम पंचायत से एनओसी नहीं ली है। सरपंच गोपी यादव ने बताया कि धूम विलेज होटल ने आज तक एनओसी के लिए आवेदन नहीं किया है। हैरानी का विषय है कि ऐसे संस्थान का संचालन दो सालों से कैसे किया जा रहा है। शासन प्रशासन द्वारा आज तक ऐसे रिसॉर्ट पर कोई कार्यवाही क्यों नहीं की गई है।गौरतलब है कि पूर्व में भी धूम विलेज होटल पर आबकारी विभाग की एडीओ नीलम स्वर्णकार द्वारा अवैध रूप से शराब पिलाने को लेकर कार्यवाही की थी। तब भी होटल के कर्मचारी पर केस बनाया गया था। इस बार भी पुलिस विभाग द्वारा होटल कर्मचारी पर कार्यवाही की गई है। आखिरकार होटल संचालक पर कार्यवाही क्यों नहीं की जा रही है। ये बहुत बड़ा सवाल खड़ा हो गया है।

जबकि प्रदेश के गृह मंत्री द्वारा स्पष्ट रूप से निर्देश दिया गया है कि किसी भी स्थान, होटल और रिसॉर्ट में अवैध रूप से शराब पिलाई जाती है तो संस्थान के कर्मचारी या मैनेजर पर कार्यवाही करने की बजाए संस्थान के संचालक पर कार्यवाही की जाए। बावजूद इसके आबकारी विभाग और पुलिस विभाग द्वारा सिर्फ कर्मचारियों पर कार्यवाहियां की जा रही है। क्या प्रदेश के गृह मंत्री के निर्देश का खुला उल्लंघन नहीं किया जा रहा है। क्या गृह मंत्री इस तरह के मामलों को संज्ञान में लेंगे।

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