छत्तीसगढ़ न्याय यात्रा का जोशीला स्वागत ज़ोन क्रमांक 2 के अध्यक्ष बंटी होरा व पार्षद कामरान अंसारी द्वारा, *न्याय यात्रा* का समापन गांधी मैदान में आमसभा के साथ हुआ.
छत्तीसगढ़ में बिगड़ती कानून व्यवस्था के विरोध में कांग्रेस के द्वारा 27 September से निकली गयी *छतीसगढ़ न्याय यात्रा*कांग्रेस पार्टी द्वारा प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज के नेतृत्व में निकली यात्रा रायपुर मिनी माता परिसर में पहुंची तब बड़े जोश के साथ ज़ोन क्रमांक 2 के अध्यक्ष बंटी होरा व पार्षद कामरान अंसारी के नेतृत्व में युवा साथियों और वार्ड की महिलाओं ने न्याय यात्रा का जोशीला स्वागत किया।
*छतीसगढ़ न्याय यात्रा* का समापन गांधी मैदान में आमसभा के साथ हुआ. आमसभा में सरकार के खिलाफ कांग्रेस के सभी बड़े नेता जमकर गरजे. सचिन पायलट, भूपेश बघेल, चरणदास महंत, दीपक बैज, ताम्रध्वज साहू, रविन्द्र चौबे और मोहन मरकाम जैसे नेताओं ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि अगर सरकार सचेत नहीं हुई तो प्रदेश भर में संग्राम होगा.
दीपक बैज ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ का हाल भी मणिपुर की तरह हो
गया है. प्रदेश में हर तरफ अशांति और आराजकता का माहौल है. समाज में भाईचारा की
जगह नफरत बो दिया गया है. हिंसक लड़ाइयां हो रही है. चोरी-लूट की तरह, अब
चाकूबाजी, हत्या, बल्तकार की घटनाएं आम हो गई हैं. 6 दिवसीय यात्रा का अभी
समापन नहीं हुआ, हमने इस यात्रा को विराम दिया है. आने वाले दिनों में छत्तीसगढ़
के कोने-कोने से यात्रा निकालेगी.
नेता-प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य में सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ने का काम भाजपा ने किया. भाजपा की आदत ही रही दंगा फैलाने की. बलौदाबाजार में घटित घटना इसका प्रमाण है. पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में कुशासन वाली सरकार है. छत्तीसगढ़ को भाजपा सरकार ने अपराध का गढ़ बना दिया है. प्रदेश का ऐसा कोई क्षेत्र नहीं बचा नहीं जहां आपराधिक घटनाएं नहीं हो रही है. प्रदेश में हर वर्ग में डर, भय और असुरक्षा है.
उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में सरकार 9 महीने के
अंदर ही विश्वास खो चुकी है. राज्य में घटित एक के बाद एक घटनाओं ने सरकार की
विफलता को जाहिर कर दिया है. जनता को सरकार पर भरोसा ही नहीं है. बस्तर से लेकर
सरगुजा भय और आतंक का माहौल है. कहीं पुलिस हिरासत में तो, कहीं पुलिस की पिटाई से
तो कहीं पुलिसिया संरक्षण में हत्याएं और मौतें हो रही हैं.